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भारत-पाक तनाव के बीच गीतकार-लेखक मनोज मुंतशिर ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया, जिसमें वह राणा प्रताप का ‘शूरवीर नायक’ का किस्सा सुनाते नजर आए। राणा प्रताप की जयंती के अवसर पर मुंतशिर ने बताया कि बाहरी आक्रमण से बचाने वाला हर शख्स शूरवीर नायक है. मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश के वीर महाराणा प्रताप पर लिखी कविता को शेयर करते हुए मुंतशिर ने कैप्शन में लिखा, “आज जब भारत की वीर सेना, दुश्मन को घर में घुस के मार रही है, सिसोदिया कुल भूषण, महाराणा प्रताप की जयंती है, देशभक्ति और पराक्रम का महोत्सव बन गया है। जय महाराणा, जय हिन्द की सेना!”
उन्होंने अपनी पूरी कविता भी सुनाई, जो इस प्रकार है: मेरी समझ में जो किसी के घर पर आक्रमण करता है वह खलनायक है और उसके विरुद्ध उठ खड़ा होने वाला हर शूरवीर नायक है। मुझको न किसी का भय बंधन, क्या कर सकता संसार? अभी मेरी रक्षा करने को जब राणा की है तलवार। मन भर लोहे का कवच पहन कर चल पड़ा वीर, घन घन घन घन गरज उठे, रण वाद्य सूरमा के आगे जागे साहस बल वीरत्व वीर उर के जागे। सैनिक राणा रण जागे, राणा प्रताप के प्राण जागे, जौहर के पावन क्षण जागे, मेवाड़ देश के प्राण जागे। राणा प्रताप की जय बोले, अपने नरेश की जय बोले, भारत माता की जय बोले, मेवाड़ देश की जय बोले.”
कविता को पूरा करते हुए उन्होंने आगे सुनाया, “जय प्रलय, शंकर, हर हर, जय हर हर गिरी का बोल उठा कंकड़ कंकड़, पत्थर पत्थर सिर्फ क्षत्रिय ही नहीं मेवाड़ की रक्षा के लिए भील भी बलिदानियों की कतार में आ खड़े हुए। मां की रक्षा के लिए आज अर्पण है यह नश्वर शरीर। तलवार उठा लो, बढ़ आई, मेरे शूरों तैयार रहो मुगलों की सेना चढ़ आई, चमका चमका असि बिजली, सम रंग दो शोणित से पर्वत कण, जिससे स्वतंत्र रह रहे देश दिखला दो, वहीं भयानक रण उनको दिखला दो.”
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