समुंद्र के पानी का रंग क्यों होता है नीला?
समंदर का नीला रंग हमेशा से लोगों के लिए रहस्य रहा है. क्या ये सिर्फ आसमान की परछाई है या फिर इसके पीछे कोई गहरी साइंटिफिक वजह छिपी है.
By Shivani sharma | Updated: May 9, 2025 7:59 AM IST
समंदर का नीला रंग हमेशा से लोगों के लिए रहस्य रहा है. क्या ये सिर्फ आसमान की परछाई है या फिर इसके पीछे कोई गहरी साइंटिफिक वजह छिपी है.
हम रोज समंदर को नीला देखते हैं, लेकिन क्या आपने सोचा कि पानी में किसी भी तरह से कोई रंग नजर नहीं आता. ऐसे में फिर क्यों समंदर के पानी का रंग नीला नजर आता है. ज्यादातर लोगों के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं होता.चलिए, जानते हैं क्या वजह है इसके पीछें.
बता दें कि समंदर का रंग नीला दिखने के पीछे सूर्य की बड़ी भूमिका है. बता दें कि सफेद रोशनी में इंद्रधनुष के 7 रंग होते हैं—लाल, पीला, हरा, नीला, और बाकी. जब ये रोशनी समंदर पर पड़ती है, तो लाल, पीला और हरा रंग समुद्र अवशोषित कर लेता है. लेकिन नीला रंग परावर्तित होकर बाहर आता है, जिसकी वजह से समुद्र का पंग नीला नजर आता है.
माना जाता है कि ये नजरों का एक धोखा है, जैसे आसमान बिना रंग का होने के बावजूद नीला दिखता है. बता दें कि नीले रंग की वेवलेंथ छोटी होती है, जो आसानी से बिखरती है. यही कारण है कि समुद्र नीला नजर आता है.
सूर्य के प्रकाश में रंग अलग-अलग वेवलेंथ में फैले होते हैं. नीले और बैंगनी रंग की वेवलेंथ छोटी होती है, इसलिए ये जल्दी दिखते हैं. हमारी आंखें नीले रंग को तेजी से पकड़ती हैं, जिससे समुद्र पर नीला रंग नजर आता है.
समुद्र का नीला रंग आसमान से भी जुड़ा है. आसमान नीला दिखता है क्योंकि सूर्य की रोशनी का नीला हिस्सा बिखरता है. समुद्र में भी यही प्रक्रिया होती है. इसे समझकर हैरान हो रहे हैं.
कोरा पर यूजर्स ने बताया कि समुद्र का नीला रंग सूर्य की रोशनी और पानी की परावर्तन क्षमता से आता है. जो जवाब सबसे वैज्ञानिक लगा, वो आसमान और समुद्र के नीले रंग को जोड़ता है. ये समझना आसान है और लोग इसे पसंद कर रहे हैं.
हालांकि समुद्र में हरे शैवाल हैं, लेकिन ऊंचाई से नीला रंग हावी रहता है. ये शैवाल और अन्य कण रंग बदल सकते हैं, लेकिन गहराई और सूर्य की रोशनी की वजह से नीला रंग प्रमुख रहता है. ये प्रकृति का एक अनोखा संतुलन है.