सोनिया गांधी और राहुल गांधी की बढ़ी मुश्किलें, नेशनल हेराल्ड मामले में ED की चार्जशीट में आया नाम; लगे ये आरोप

नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने की थी और यह एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) द्वारा प्रकाशित होता था. साल 2008 में आर्थिक संकट के चलते इसे बंद कर दिया गया.

Published: April 15, 2025 10:01 PM IST

By Akarsh Shukla

सोनिया गांधी और राहुल गांधी की बढ़ी मुश्किलें, नेशनल हेराल्ड मामले में ED की चार्जशीट में आया नाम; लगे ये आरोप

National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ती नजर आ रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में राहुल गांधी, सोनिया गांधी और सैम पित्रोदा के खिलाफ दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपपत्र दाखिल किया है. ईडी की इस कार्रवाई को कांग्रेस ने साफ तौर पर राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपपत्र में सुमन दुबे और कुछ अन्य नाम भी शामिल हैं. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 25 अप्रैल तय की है, जिस दिन आरोपों पर संज्ञान लेने को लेकर बहस होगी.

661 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर कब्जा

ईडी इससे पहले नेशनल हेराल्ड से जुड़ी 661 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर कब्जा करने की प्रक्रिया भी शुरू कर चुकी है. इस पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे ‘सरकार प्रायोजित बदले की कार्रवाई’ बताया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह कदम कानून के नाम पर लोकतंत्र के खिलाफ अपराध है. कांग्रेस और उसके नेता डरने वाले नहीं हैं.

केंद्र सरकार पर साधा निशाना

वहीं राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कार्रवाई कांग्रेस को आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि पहले आयकर विभाग ने कांग्रेस के बैंक खातों को सील किया और अब ईडी कांग्रेस की संपत्ति पर कब्जा कर रही है. उन्होंने भाजपा पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि भाजपा को मिले इलेक्टोरल बॉन्ड्स पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही.

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने की थी और यह एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) द्वारा प्रकाशित होता था. साल 2008 में आर्थिक संकट के चलते इसे बंद कर दिया गया. इसके बाद 2010 में यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई गई, जिसमें राहुल और सोनिया गांधी की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है. भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में इस मामले को उजागर किया और आरोप लगाया कि यंग इंडिया ने सिर्फ 50 लाख रुपये में AJL की 2000 करोड़ से ज्यादा की संपत्तियों को कब्जे में ले लिया. मामले की जांच अब मनी लॉन्ड्रिंग ऐंगल से की जा रही है.

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