'पहले एक ड्रोन आया, फिर 3 और आए...' ऑपरेशन सिंदूर की कहानी पाकिस्तानी चश्मदीद की जुबानी

India Air Strike: पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की ओर से यह सैन्य कार्रवाई की गई. पहलगाम हमले में 26 नागरिक मारे गए थे.

Published: May 7, 2025 12:27 PM IST

By Gaurav Barar

'पहले एक ड्रोन आया, फिर 3 और आए...' ऑपरेशन सिंदूर की कहानी पाकिस्तानी चश्मदीद की जुबानी
Image Source- ANI

Operation Sindoor: पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में, भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार देर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान स्थित जिन आतंकी ठिकानों पर हमला किया उनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल हैं. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को 26 नागरिकों के नरसंहार के दो सप्ताह बाद ये मिसाइल हमले किए गए.

रक्षा मंत्रालय ने देर रात एक बजकर 44 मिनट पर एक बयान में कहा, ‘कुछ समय पहले, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में उन आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर हमला करते हुए ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ शुरू किया जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों का मंसूबा बनाया गया और इसे निर्देशित किया गया.’

हमले में मारे गए कई आतंकी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में 60 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं जिनमें आतंकी मसूद अजहर का परिवार भी शामिल है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारतीय मिसाइल हमलों को युद्ध की कार्रवाई करार दिया और कहा कि उनके देश को ‘‘उचित जवाब’’ देने का पूरा अधिकार है.

पाकिस्तानी चश्मदीद ने सुनाई हमले की कहानी

ऑपरेशन सिंदूर की कहानी पाकिस्तानी चश्मदीद ने बताई. पाकिस्तान के मुरीदके में एक स्थानीय व्यक्ति ने भारत के हमले को लेकर कहा, ‘चार ड्रोन आए…हर जगह दहशत फैल गई. रात के करीब 12:45 बजे, पहले एक ड्रोन आया, उसके बाद तीन अन्य ड्रोन आए, और उन्होंने मस्जिदों पर हमला कर दिया. सब कुछ तहस-नहस हो गया.’

भारत सरकार ने क्या कहा?

भारत की तरफ से बयान में कहा गया है, ‘किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया है. भारत ने लक्ष्य के चयन और क्रियान्वयन के तरीके में काफी संयम दिखाया है.’ इसमें कहा गया कि भारतीय सशस्त्र बलों की कार्रवाई केंद्रित और नपी-तुली थी.

जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य गढ़ उड़ाया

ऐसा समझा जाता है कि भारतीय सशस्त्र बलों ने हमले में ‘स्टैंड-ऑफ’ हथियारों, ड्रोन और गोला-बारूद के साथ-साथ अन्य हथियारों का इस्तेमाल किया. लाहौर से लगभग 30 किलोमीटर दूर मुरीदके में लश्कर का एक बड़ा ‘मरकज’ या अड्डा है. बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य गढ़ है. दोनों ही पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हैं.

भारत की इस सैन्य कार्रवाई के नाम में ‘सिंदूर’ को जोड़ने का एक संदर्भ यह है कि भारतीय परंपरा में विवाहित महिलाएं अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं और इसे उनके सुहागन होने का एक प्रतीक माना जाता है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम उन महिलाओं के प्रति सम्मान जताना है जिन्होंने 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में अपने पतियों को खो दिया.

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