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Ganesh Visarjan 2024: देशभर में गणेशोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है और 7 सितंबर को गणेश चतुथी के दिन इसकी शुरुआत हुई. वहीं अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है और जो लोग अपने घरों में बप्पा की स्थापना करते हैं वह विधि-विधान से उनका विसर्जन करते हैं. साथ ही कामना करते हैं कि अगले साल फिर से गणपति बप्पा हमारे घर में पधारें और सुख-समृद्धि का वास हो. इस साल गणेश विसर्जन 17 सितंबर 2024 को किया जाएगा. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर प्रथम पूजनीय देवता भगवान गणेश का विसर्जन क्यों किया जाता है? तो बता दें कि इसके पीछे बेहद ही रोचक पौराणिक कथा छिपी हुई है.
कहते हैं कि अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणपति को जल में विसर्जित किया जाता है क्योंकि वो जल तत्व के अधिपति हैं. पुराणों के अनुसार, वेद व्यास जी भगवान गणेश को कथा सुनाते थे और गणेश जी उस कथा को लिखते थे. कथा सुनाते समय वेद व्यास जी ने अपने नेत्र बंद कर लिए. वो 10 दिन तक कथा सुनाते गए और बप्पा उसे लिखते गए. लेकिन जब दस दिन बाद वेद व्यास जी ने अपने नेत्र खोले तो देखा कि गणपति जी के शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया था. वेद व्यास जी ने उनका शरीर ठंडा करने के लिए ही उन्हें जल में डुबा दिया जिससे उनका शरीर ठंडा हो गया. कहा जाता है कि उसी समय से यह मान्यता चली आ रही है कि गणेश जी को शीतल करने के लिए ही गणेश विसर्जन किया जाता है.
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अगर आपने भी अपने घर में गणपति जी की स्थापना की है तो विधि-विधान के साथ उनाक विसर्जन करें. विसर्जन के दिन सुबह उठकर स्नान आदि कर भगवान गणेश जी की पूजा करें और उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं. इसके बाद गणेश जी आरती व मंत्र पढ़ें. फिर एक चैकी पर गणेश जी प्रतिमा को रखें औश्र वहां स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं. इसके बाद उनका विसर्जन कर दें. ध्यान रखें कि विसर्जन एक झटके से नहीं, बल्कि धीरे-धीरे करना चाहिए.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. India.Com इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.