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Chhath Puja 2024 Shubh Muhurat: सनातन धर्म भी छठ पूजा का विशेष महत्व है. इस पूजा का शुभारंभ नहाय-खाय से होता है और इस दिन व्रती महिलाएं सात्विक प्रसाद ग्रहण करती हैं, जिसमें प्याज-लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. बता दें कि इस वर्ष छठ महापर्व का शुभारंभ आज यानी 05 नवंबर 2024, मंगलवार से हो रहा है. आज के दिन पूजा का विशेष फल प्राप्त करता है. आइए जानते हैं, नहाय-खाय का समय और नियम.
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन नहाय-खाय का आयोजन होता है. बता दें कि आज के दिन सूर्योदय का समय सुबह 06:29 पर है और सूर्यास्त का समय 05:40 पर होगा. इस दौरान पूजा का विशेष फल प्राप्त होगा. नहाय-खाय की पूजा में थाली में शुद्ध सात्विक भजन बिना प्याज-लहसुन का इस्तेमाल किए गए सामग्री को रखा जाता है. जिसमें चावल लौकी, चना दाल, आलू से बने व्यंजन शामिल होते हैं.
छठ पूजा महापर्व के प्रथम दिन व्रती महिलाएं साफ व नए वस्त्र धारण करती हैं और सूर्य देव को जल अर्पित करके उनकी पूजा उपासना करती हैं. इसके बाद सात्विक भोजन जिसमें कद्दू की सब्जी, चने की दाल, लौकी चावल इत्यादि से बने व्यंजन भगवान को अर्पित किए जाते हैं. पूजा के बाद प्रति महिलाएं सबसे पहले इस व्यंजन को ग्रहण करती हैं और इसके बाद परिवार के सदस्य प्रसाद के रूप में भोजन ग्रहण करते हैं.
छठ महापर्व की प्रथम दिन प्रति महिलाएं तालाब में स्नान-ध्यान करती हैं मान्यता है कि इस दिन पवित्र स्नान और पूजा पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है व सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. नहाय-खाय में शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है और इसमें मिट्टी से बने चूल्हे और बर्तनों का ही इस्तेमाल किया जाता है. ऐसा करने से देवताओं का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है और पूजा को सफल कहा जाता है.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं. India.Com इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.