Surya Dev Aarti: छठ पर्व पर जरूर करें सूर्य देव की उपासना, मिलेगा पूजा का फल

Surya Dev Aarti: हिन्दू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है. आज देश भर में छठ पूजा का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. आइए पढ़ते हैं भगवान सूर्य को समर्पित श्री सूर्य देव आरती.

Published: November 7, 2024 12:22 PM IST

By Shantanoo Mishra

Surya Dev Aarti: छठ पर्व पर जरूर करें सूर्य देव की उपासना, मिलेगा पूजा का फल

Surya Dev Aarti Lyrics in Hindi: वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर छठ महापर्व का मुख्य व्रत रखा जाता है. इस विशेष दिन पर ढलते हुए सूर्य देव की उपासना की जाती है. बता दें कि यह व्रत आज के दिन रखा जा रहा है. हिन्दू धर्म में सूर्य देव को प्रत्यक्ष देवता के रूप में पूजा जाता है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट और दुःख दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही आज के दिन सूर्य देव की उपासना के साथ उनकी आरती करने से भी विशेष लाभ प्राप्त होता है. आइए पढ़ते हैं-

श्री सूर्य देव आरती

ॐ जय सूर्य भगवान,
जय हो दिनकर भगवान .
जगत् के नेत्र स्वरूपा,
तुम हो त्रिगुण स्वरूपा .
धरत सब ही तव ध्यान,
ॐ जय सूर्य भगवान ..
.. ॐ जय सूर्य भगवान….

सारथी अरूण हैं प्रभु तुम,
श्वेत कमलधारी .
तुम चार भुजाधारी ..
अश्व हैं सात तुम्हारे,
कोटी किरण पसारे .
तुम हो देव महान ..
.. ॐ जय सूर्य भगवान….

ऊषाकाल में जब तुम,
उदयाचल आते .
सब तब दर्शन पाते ..
फैलाते उजियारा,
जागता तब जग सारा .
करे सब तब गुणगान ..
.. ॐ जय सूर्य भगवान….

संध्या में भुवनेश्वर,
अस्ताचल जाते .
गोधन तब घर आते..
गोधुली बेला में,
हर घर हर आंगन में .
हो तव महिमा गान ..
.. ॐ जय सूर्य भगवान….

देव दनुज नर नारी,
ऋषि मुनिवर भजते .
आदित्य हृदय जपते ..
स्त्रोत ये मंगलकारी,
इसकी है रचना न्यारी .
दे नव जीवनदान ..
.. ॐ जय सूर्य भगवान….

तुम हो त्रिकाल रचियता,
तुम जग के आधार .
महिमा तब अपरम्पार ..
प्राणों का सिंचन करके,
भक्तों को अपने देते .
बल बृद्धि और ज्ञान ..
.. ॐ जय सूर्य भगवान….

भूचर जल चर खेचर,
सब के हो प्राण तुम्हीं .
सब जीवों के प्राण तुम्हीं ..
वेद पुराण बखाने,
धर्म सभी तुम्हें माने .
तुम ही सर्व शक्तिमान ..
.. ॐ जय सूर्य भगवान….

पूजन करती दिशाएं,
पूजे दश दिक्पाल .
तुम भुवनों के प्रतिपाल ..
ऋतुएं तुम्हारी दासी,
तुम शाश्वत अविनाशी .
शुभकारी अंशुमान ..
.. ॐ जय सूर्य भगवान….

जय हो दिनकर भगवान .
जगत के नेत्र रूवरूपा,
तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ..
धरत सब ही तव ध्यान,
ॐ जय सूर्य भगवान ..

डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. India.Com इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.

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