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Chinese Academy of Sciences : विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हर दिन नई-नई खोजें होती रहती हैं, लेकिन चीन में हाल ही में किए गए एक प्रयोग ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों को चौंका दिया है. इस प्रयोग में एक ऐसा चूहा पैदा हुआ, जिसकी कोई जैविक मां नहीं थी. यह चूहा किशोरावस्था तक जीवित रहा, जिससे भविष्य में दो पुरुषों से संतान पैदा करने की संभावना पर शोध और गहराई से किया जा सकता है. चीन की चीनी विज्ञान अकादमी (CAS) के आणविक जीवविज्ञानी झी कुन ली और उनकी टीम ने यह प्रयोग किया.
उन्होंने स्टेम सेल इंजीनियरिंग की मदद से यह माइलस्टोन हासिल किया. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब वैज्ञानिकों ने दो पुरुषों से संतान उत्पन्न करने का प्रयास किया हो. इससे पहले 2023 में जापान के वैज्ञानिकों ने भी ऐसा करने की कोशिश की थी, लेकिन उस चूहे की उम्र बहुत कम थी. अब तक पुरुष स्टेम सेल से अंडाणु (एग) विकसित करने के सभी प्रयास असफल रहे हैं. हालाँकि, सरोगेसी के माध्यम से बिना जैविक माँ के बच्चे को जन्म देना संभव तो है, लेकिन यह प्रक्रिया जटिलताओं से भरी होती है.
हालांकि, चीन में जन्मे इन चूहों में प्रजनन क्षमता नहीं थी, फिर भी ये पहले के प्रयोगों से बेहतर स्वास्थ्य में थे. लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस प्रयोग में आधे चूहे वयस्क होने से पहले ही मर गए, और 90% भ्रूण विकसित ही नहीं हो सके. यानी अभी इस तकनीक को इंसानों पर आजमाने से पहले इसमें काफी सुधार की जरूरत है.
जब एक पुरुष का शुक्राणु किसी अंडाणु को फर्टिलाइज करता है, तो उसमें जीन की जोड़ी बनती है, लेकिन इस जोड़ी के एक हिस्से को निष्क्रिय करना पड़ता है. अगर दोनों शुक्राणु से ही बच्चा बनाया जाए, तो यह निष्क्रियता दो बार हो जाती है, जिससे कई जेनेटिक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं. वैज्ञानिक भाषा में इसे जीन इम्प्रिंटिंग गड़बड़ी कहा जाता है. ली और उनकी टीम ने जीन डिलीशन, रीजन एडिटिंग, और जीन बेस पेयर एडिशन-रिमूवल जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया ताकि यह समस्या हल की जा सके.
पहले भी वैज्ञानिकों ने दो माताओं से संतान उत्पन्न करने का प्रयोग किया था. 2004 में जापानी वैज्ञानिकों ने ऐसा किया था, लेकिन बिना शुक्राणु के बच्चा बनाना अपेक्षाकृत आसान होता है. शुक्राणु कोशिकाएं अत्यधिक विशेषीकृत होती हैं और दूसरे प्रकार की कोशिकाओं में विभाजित नहीं हो सकतीं. इसलिए केवल शुक्राणु से भ्रूण बनाना एक बड़ी चुनौती थी.