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देश के बैंकिंग सिस्टम में 1 मई से बड़ा बदलाव होने जा रहा है. वित्त मंत्रालय ‘One State One RRB’ यानी एक राज्य एक ग्रामीण बैंक का नियम लागू करेगी. इसके तहत 11 राज्यों आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान में कुल 15 ग्रामीण बैंकों का विलय होगा. अभी 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेश मिलाकर 43 रिजनल रूरल बैंक हैं. इस मर्जर के बाद देश में कुल RRB की संख्या 28 हो जाएगी.
आइए समझते हैं कि सरकार ने इन 15 ग्रामीण बैंकों के मर्जर का क्यों लिया फैसला? किस राज्य के कौन से ग्रामीण बैंकों को होगा मर्जर? मर्जर के बाद इन बैंकों में जिनका अकाउंट है, उनका क्या होगा:-
‘One State One RRB’ क्या है?
देशभर के ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सर्विस को पहले से बेहतर और किफायती बनाने के मकसद से वित्त मंत्रालय ‘एक राज्य एक RRB’ का कॉन्सेप्ट लेकर आई है.’एक राज्य एक RRB’ कॉन्सेप्ट पर पहली बार 2005 में काम शुरू हुआ था. ये मर्जर का चौथा फेज होगा. रिजनल रूरल बैंक एक्ट 1976 के सेक्शन 23A (1) के तहत 11 राज्यों के 15 RRB का मर्जर हो रहा है.
कब हुई थी पहल?
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का गठन RRB अधिनियम, 1976 के तहत किया गया था.इनके गठन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों, कृषि मजदूरों और कारीगरों को लोन और अन्य बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना था.केंद्र सरकार ने फाइनेंशियल ईयर 2004-05 में RRB के मर्जर की पहल की थी.इस सिलसिले में अबतक संचालित 3 फेज में ऐसे संस्थानों की संख्या 2020-21 तक 196 से घटकर 43 रह गई थी.
मर्जर का प्रोसेस क्या होगा?
इसके लिए एक टीम बनाई गई है. 1-15 मई के बीच पूरा प्रोसेस पूरा होगा. इस दौरान 6 मई की तारीख अहम है. इस दिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपनी टीम के साथ ‘One State One RRB’ कॉन्सेप्ट के ऑपरेशन और अब तक हुए काम को रिव्यू करेंगी. फिर इन 11 राज्यों के RRB को मर्ज किया जाएगा और हर स्टेट के लिए एक RRB बनाई जाएगी.
किस राज्य के किन-किन बैंकों का होगा मर्जर?
कितना होगा कैपिटल?
मर्जर के पहले इन क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में सरकार ने पूंजी भी डाली है. सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पास 2,000 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी होगी.
मर्जर का क्या फायदा मिलेगा?
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के मर्जर से कस्टमरों को कई लाभ होंगे. इंटीग्रेटेड बैंकिंग सिस्टम के तहत बेहतर सेवा मिलेगी. यूनिफाइड IFSC और MICR कोड होने से ट्रांजैक्शन आसानी से होगी. लोन की प्रोसेसिंग भी तेज होगी.
इन बैंकों में जिनका अकाउंट है, उसका क्या होगा?
RRB मर्जर से कस्टमरों के अकाउंट पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उनका बैलेंस, FD, RD या लोन सब सेफ रहेगा. हालांकि, कस्टमरों को कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं. मर्जर के बाद उनके बैंक का नाम और IFSC Code बदल सकता है. नए बैंक पासबुक और चेकबुक जारी हो किए जा सकते हैं. पुरानी कस्टमर आईडी या अकाउंट नंबर में भी बदलाव हो सकता है.
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