RTI के जरिए आप भी सरकार से पूछ सकते हैं कोई भी सवाल, यहां जानिये पूरा प्रोसेस और कितनी लगेगी फीस

Right to Information: आप सूचना का अधिकार (RTI) के तहत सरकार से कोई भी सवाल पूछ सकते हैं. इसका जवाब जिम्मेदारों को देना ही होगा. हालांकि, कुछ ऐसी चीजें हैं; जो RTI के दायरे में नहीं आतीं. सरकार इनका जवाब देने से मना भी कर सकती है.

Published: May 2, 2025 9:34 PM IST

By Anjali Karmakar

RTI के जरिए आप भी सरकार से पूछ सकते हैं कोई भी सवाल, यहां जानिये पूरा प्रोसेस और कितनी लगेगी फीस
RTI एक्ट कांग्रेस की अगुवाई वाले UPA सरकार के दौरान 12 अक्टूबर 2005 को लागू हुआ था.

सरकारी कामकाज में ट्रांसपिरेंसी लाने और करप्शन पर लगाम लगाने के मकसद से आज से 20 साल पहले सूचना का अधिकार(Right to Information) अस्तित्व में आया था. RTI एक्ट कांग्रेस की अगुवाई वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी UPA सरकार के दौरान 12 अक्टूबर 2005 को लागू हुआ था. इस अधिकार से राष्ट्र अपनी शासन व्यवस्था और कामकाज को सार्वजनिक करता है. RTI एक्ट के तहत कोई भी नागरिक किसी भी सरकारी विभाग, ऑफिस या निकाय से सूचना या जानकारी मांग सकता है.

आप सूचना का अधिकार (RTI) के तहत सरकार से कोई भी सवाल पूछ सकते हैं. इसका जवाब जिम्मेदारों को देना ही होगा. हालांकि, कुछ ऐसी चीजें हैं; जो RTI के दायरे में नहीं आतीं. सरकार इनका जवाब देने से मना भी कर सकती है.

आइए समझते हैं क्या है RTI? इसे कौन लगा सकता है? RTI लगाने का ऑनलाइन प्रोसेस क्या है? इसके लिए कितनी फीस लगती है और कितने दिन में जवाब आ जाता है:-

क्या है RTI?
RTI आम आदमी का अधिकार है. उसके पास सरकारी डिपार्टमेंट में फैले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अपने हक की जानकारी लेने का राइट है.

इसे कौन लगा सकता है?
सूचना के अधिकार (RTI) कानून के तहत कोई भी भारतीय नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से जानकारी मांग सकता है. यह अधिकार हर नागरिक को दिया गया है, ताकि वह सरकार के कामकाज के बारे में पारदर्शिता सुनिश्चित कर सके.

RTI के तहत कौन सी सूचनाएं मांग सकते हैं?
1.समस्त सरकारी विभाग, सभी मंत्रालय, सभी सरकारी कार्यालय व निकाय, शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक संस्थाएं, पब्लिक सेक्टर यूनिट से संबंधित विभिन्न दस्तावेज , रिकॉर्ड का निरीक्षण, ज्ञापन,आदेश, नोटिस , आंकड़ों संबंधी सामग्री, लॉगबुक, संविदा, रिपोर्ट, प्रेस रिलीज , नमूने, मॉडल, सलाह, मत ईमेल , इलेक्ट्रोनिक सामग्री जैसे फ्लॉपी , डिस्क या अन्य कोई भी सूचना जो सार्वजनिक किए जाने योग्य हो…सूचना के अधिकार के तहत मांगी जा सकती हैं.

2. केंद्रीय,राज्य व केंद्र-शासित प्रदेश द्वारा स्थापित, गठित, स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक सहायता प्राप्त सभी कार्यालय, विभाग , संस्थान , निकाय व बोर्ड सूचना के अधिकार के दायरे में आते हैं. इनसे सार्वजनिक किए जाने योग्य हर तरह की सूचनाएं कॉपी, प्रिंट, रिकॉर्डिंग सहित सभी विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक और गैर-इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से प्राप्त की जा सकती है.

कौन सी सूचनाएं नहीं मांगी जा सकती?

  • प्रधानमंत्री मोदी ने हर सिटीजन के अकाउंट में 15 लाख रुपए डलवाने का वादा किया था? उसकी तारीख क्या है? यह सवाल प्रधानमंत्री कार्यालय से सूचना के अधिकार के तहत पूछा गया था. आवेदक वह तारीख जानना चाहता है, जिस दिन अकाउंट में पैसा आएगा. हालांकि, RTI के जवाब में कहा गया कि यह इंफॉर्मेशन राइट टू इंफॉर्मेशन एक्ट के नियमों के तहत नहीं आती.
  • 2014 में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान वादा किया था कि विदेशों में जो कालाधन जमा है, उसे वापस लाया जाएगा. इससे हर अकाउंट होल्डर को 15 लाख रुपये मिलेंगे.ये जानकारी RTI के जरिए मांगी गई थी. हालांकि, PMO से बताया गया है कि यह इंफॉर्मेशन RTI एक्ट की डेफिनेशन के तहत नहीं आती.

RTI से कैसे मांग सकते हैं जानकारी?

  • कोई भी भारतीय नागरिक अंग्रेजी, हिंदी या संबंधित क्षेत्र की क्षेत्रीय मान्य राजभाषा में सामान्य पेपर पर संबंधित विभाग के लोक सूचना अधिकारी को संबोधित करते हुए स्वयं की पूरी जानकारी देते हुए, सूचना का विवरण, उसकी प्रकृति, उसका विभाग, सूचना किस तरह चाहिए इसकी जानकारी लिखनी होगी.
  • सभी सूचनाएं देते हुए ईमेल के जरिए आप संबंधित विभाग के लोक सूचना अधिकारी से सूचना प्राप्त करने के लिए अनुरोध कर सकते हैं.
  • केंद्रीय सरकार के कार्यालयों के लिए http://www.rti.gov.in पर विजिट कर सूचना के अधिकार के अन्तर्गत सूचना प्राप्ति के लिए अनुरोध किया जा सकता है. इस पर राज्य सरकारों के अन्तर्गत आने वाली सूचनाओं के लिए अनुरोध नहीं किया जा सकता.

RTI फाइल करने का ऑनलाइन तरीका?

  • ऑनलाइन RTI फाइल करने के लिए आपको इसकी ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा.
  • यहां ‘Submit Request’ के बटन पर क्लिक करना है. जिसके बाद एक गाइडलाइन्स पेज खुलेगा.
  • अब गाइडलाइन्स को अच्छे से पढ़ लें और उसके बाद confirm पर क्लिक करें.
  • आपने पूरी guidelines पढ़ ली हैं तो Submit पर क्लिक करें.
  • अब आपके सामने एक फॉर्म खुल कर आएगा.
  • आपको जिस department से जुडी जानकारी चाहिए, उसके अनुसार फॉर्म को पूरा भरें.
  • ध्यान रखना है कि फॉर्म में सभी detail सही सही होनी चाहिए साथ ही फॉर्म को अधूरा न छोड़े, इसे पूरा भरें.
  • इसके बाद जरूरी डॉक्यूमेंट अपलोड कर दें.
  • इसके बाद सिक्योरिटी कोड एंटर करें.
  • फिर ऑनलाइन मोड से पेमेंट करें.
  • अब सबसे नीचे submit button पर क्लिक कर दें.
  • फॉर्म भर जाने के बाद आपको फॉर्म का एक रिसीप्ट मिलेगा. आपको इसे संभाल कर रखना है.
  • फॉर्म की status चेक करते समय आपको इस रिसीप्ट की जरुरत पड़ेगी.

कितनी फीस लगेगी?
RTI के तहत सूचनाएं प्राप्त करने के लिए 10 रुपये की फीस ली जाएगी. यह फीस कैश, डिमांड ड्राफ्ट,पोस्टल ऑर्डर या अन्य माध्यमों से जमा कराई जा सकती है.ये फीस सूचना प्राप्ति के लिए अनुरोध किए जाने वाले आवेदन के साथ ही जमा करानी होती है. इसके अतिरिक्त अगर सूचना प्रिंट या फोटो कॉपीज के जरिए लेनी है, तो 2 रुपये प्रति पेज की दर से और जमा कराने होते हैं.

कब तक मिलेगी सूचना?
लोक सूचना अधिकारी को अधिकतम 30 दिन की अवधि में आवश्यक रूप से सूचना देनी होगी. सूचना किसी अन्य विभाग से संबंधित है ,तो इसकी अवधि 35 दिन की होती है. अगर सूचना किसी की जीवन रक्षा या स्वतंत्रता से संबंधित है, तो 48 घंटे में सूचना देना अनिवार्य होता है.

अगर गलत सूचना मिले तो?
अगर कोई सूचना अधिकारी भ्रामक सूचना देता है या सूचना का अनुरोध स्वीकार नहीं करता है या निर्धारित अवधि में सूचना नहीं देता है, तो उसकी सैलरी से 250 से 25000 रुपये तक काटे जाएंगे. इसके साथ ही सही सूचना दिए जाने के लिए प्रतिबंधित किए जाने के प्रावधान अधिनियम में उल्लिखित हैं.

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