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क्षेत्रफल के लिहाज से भारत भले ही दुनिया में सातवें नंबर पर आता हो. जनसंख्या के मामले में ये 2023 से दुनिया में पहले नंबर पर हो. लेकिन, इकोनॉमी (Indian Economy) के मामले में हमारे देश की गाड़ी फुल स्पीड से दौड़ रही है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के मुताबिक, भारत अगर इसी रफ्तार से आगे बढ़ता गया, तो साल 2025 के आखिर तक ये जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (India’s GDP) बन जाएगा. IMF ने अप्रैल 2025 में जारी World Economic Outlook रिपोर्ट में ये दावा किया है.
IMF के वर्ल्ड इकोनॉमिक डेटा के अनुसार वर्तमान में भारत की GDP 4.3 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया में पांचवे नंबर पर है. जापान की GDP अभी 4.4 ट्रिलियन डॉलर है. IMF के मुताबिक वृद्धि की वर्तमान दर बनी रही, तो भारत 2028 तक जर्मनी (4.9 ट्रिलियन डॉलर GDP) को भी पीछे छोड़ कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
आइए समझते हैं कि भारत के इस पोजिशन में पहुंचने के मायने क्या होंगे? क्या इससे नए ग्लोबल इकोनॉमिक सिस्टम की शुरुआत होगी:-
GDP क्या होती है?
GDP किसी देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को ट्रैक करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला इंडिकेटर है. ये एक निश्चित समय में देश में प्रोड्यूस किए गए सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को बताती है. देश में रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं, उन्हें भी इसमें शामिल किया जाता है.
इसे कैसे मापते हैं?
GDP दो तरह की होती है- रियल GDP और नॉमिनल GDP. रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है. अभी GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है. यानी 2011-12 में गुड्स और सर्विस के जो रेट थे, उस हिसाब से कैलकुलेशन होता है. वहीं, नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करेंट प्राइस पर किया जाता है.
GDP के बढ़ने और घटने के लिए कौन जिम्मेदार है?
GDP को घटाने या बढ़ाने के लिए 4 फैक्टर जिम्मेदार होते हैं:-
पहला- उपभोक्ता खर्च: लोग जितना खर्च करते हैं, उससे इकोनॉमी को सपोर्ट मिलता है.
दूसरा- प्राइवेट सेक्टर: इसके बिजनेस ग्रोथ से GDP में कॉन्ट्रिब्यूशन होता है.
तीसरा-सरकारी खर्च: ये सरकार की ओर से गुड्स और सर्विस पर खर्च किया जाता है. जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन और हेल्थ केयर.
चौथा- नोट डिमांड: इसके लिए भारत के कुल एक्सपोर्ट को कुल इम्पोर्ट से घटाया जाता है.
10 सालों में कितनी हुई GDP?
IMF की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था पिछले 10 सालों में दोगुनी हो गई है. देश की GDP बीते दशक में 105% बढ़ी है. वर्तमान में भारत की GDP 4.3 ट्रिलियन डॉलर है, जबकि 2015 में ये 2.1 ट्रिलियन डॉलर थी.
इस साल कितनी रहेगी ग्रोथ रेट?
IMF ने भारत की ग्रोथ रेट 2025 के लिए 6.5% से घटाकर 6.2% कर दी है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की ग्रोथ अपेक्षाकृत स्थिर है. ग्रामीण इलाकों में प्राइवेट कंजम्प्शन बढ़ने की वजह से भारत की ग्रोथ स्थिर रहेगी.
2025 के आखिर तक कितनी हो जाएगी GDP?
IMF के अनुमान के मुताबिक, भारत का ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी GDP साल 2025 के आखिर में 4.187 ट्रिलियन डॉलर तक हो जाएगा. ये जापान के अनुमानित 4.186 ट्रिलियन डॉलर GDP से थोड़ा ज़्यादा है.
2027 में कहां रहेगा भारत?
IMF के मुताबिक, भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बन जाएगा. रिपोर्ट कहती है कि 2028 तक भारत की GDP 5.58 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी. उस वक्त जर्मनी की इकोनॉमी 5.25 ट्रिलियन डॉलर रह जाएगी.
अभी टॉप 3 में कौन से देश?
अमेरिका अभी वर्ल्ड इकोनॉमी में टॉप पर है. वर्तमान में अमेरिका की GDP 25500 अरब अमेरिकी डॉलर है. इसके बाद चीन 18000 अरब अमेरिकी डॉलर के साथ दुनिया की दूसरी अर्थव्यवस्था है. जबकि जापान 4200 अरब डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर आता है.
2030 में दुनिया में टॉप 3 पोजिशन पर रहने का अनुमान
वहीं, भारत 2030 तक जापान को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. S&P ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के अनुसार 2030 तक भारत के 7300 अरब अमेरिकी डॉलर की GDP की अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है
क्या नए ग्लोबल इकोनॉमिक सिस्टम की होगी शुरुआत?
वास्तव में दुनिया पिछले 80 सालों से एक ही इकोनॉमिक सिस्टम और पैटर्न पर चल रही है. अमेरिका और चीन इसे लीड करते हैं. लेकिन अब चीजें बदल रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ल्ड में नए इकोनॉमिक सिस्टम की शुरुआत हो चुकी है. अब ग्लोबल फोरम में भारत जब बोलता है, तो दुनिया उसे सुनती है. ज्यादातर देश भारत के साथ बिजनेस रिलेशन बनाना चाहते हैं. भारत की अर्थव्यवस्था जिस रफ्तार से आगे बढ़ रही है, वो बताता है कि आने वाला दशक भारत का हो सकता है.
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