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हमारे देश में रोड एक्सीडेंट (Road Accident In India) की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है. रोडवेज मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर दिन भारत में औसतन करीब 1263 सड़क हादसे होते हैं. इनमें 474 लोगों की मौत हो जाती है. हर घंटे की बात करें, तो औसतन 55 सड़क हादसे होते हैं. सड़क हादसों को रोकने या कम करने और रोड सेफ्टी को बढ़ाने के लिए सरकार ट्रैफिक चालान के नियमों को पहले से ज्यादा सख्त करने जा रही है.
सरकार क्यों ले रही ये फैसला?
दरअसल, रोड सेफ्टी को बनाए रखने, हादसों को कम करने और ट्रैफिक चालान की रिकवरी रेट को बढ़ाने के लिए सरकार ये कदम उठा रही है. सरकार का मानना है कि अगर लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस पर खतरा होगा, तो वह संजीदगी से चालान का पेमेंट करेंगे.
3 महीने के लिए रद्द हो सकता है DL
नए नियमों के मुताबिक, जो लोग 3 महीने के अंदर अपना ट्रैफिक ई-चालान (जुर्माना) नहीं भरेंगे, उनके ड्राइविंग लाइसेंस जल्द ही कैंसिल कर दिए जाएंगे. साथ ही जिन लोगों ने एक फाइनेंशियल ईयर में 3 चालान जमा कर लिए हैं, उनके ड्राइविंग लाइसेंस कम से कम 3 महीने के लिए जब्त किए जा सकते हैं.
देना पड़ सकता है इंश्योरेंस का ज्यादा प्रीमियम
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने यह पाया गया है कि E-चालान की राशि की बमुश्किल 40% वसूली हुई है. यानी ज्यादातर लोगों ने चालान भरे ही नहीं. ऐसे में सरकार चालान के साथ हाई इंश्योरेंस प्रीमियम को जोड़ने की स्ट्रैटजी भी बना रही है.
इसके तहत अगर किसी के पास पिछले फाइनेंशियल ईयर में कम से कम 2 चालान पेंडिंग हैं, तो उसे इंश्योरेंस का ज्यादा प्रीमियम देना पड़ सकता है.
33 पर्सेंट व्हीकल का ही इंश्योरेंस
मौजूदा समय में देश में सभी तरह के व्हीकल के लिए इंश्योरेंस अनिवार्य है. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का प्रीमियम भी फिक्स है. इसके बावजूद 33% व्हीकल का ही थर्ड पार्टी इंश्योरेंस है. इंश्योरेंस न करवाने वालों में टू-व्हीलर चालकों की संख्या सबसे अधिक है.
2025 तक सड़क हादसे 50% तक कम करने है लक्ष्य
हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क हादसों को कम करने के लिए एक टारगेट सेट किया था. उन्होंने कहा था कि सरकार का उद्देश्य 2025 तक सड़क दुर्घटना और इसमें मरने वालों की संख्या 50% तक कम करना है. गडकरी ने कहा था कि इसमें देरी से 2023 तक रोड एक्सीडेंट में करीब 6-7 लाख लोगों की जान चली जाएगी.