IAS Manu Garg Success Story 2024: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 के नतीजे 22 अप्रैल को घोषित हुए, जिसमें जयपुर के मनु गर्ग ने AIR-91 हासिल कर इतिहास रच दिया. 23 साल के मनु अपनी दोनों आंखों से कुछ भी नहीं देख सकते, फिर भी उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में आईएएस बनने का सपना पूरा कर दिखाया. उनकी इस कामयाबी ने पूरे देश को प्रेरणा दी है, खासकर उन लोगों को जो शारीरिक कमजोरी के चलते हिम्मत हार जाते हैं.
आंखों की रोशनी गई, मां ने दिया हौसला
जयपुर के शास्त्री नगर में रहने वाले मनु गर्ग जब आठवीं कक्षा में थे, तभी उनकी आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगी. एक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी की वजह से वह पूरी तरह नेत्रहीन हो गए. उस वक्त मनु को लगा कि उनकी दुनिया खत्म हो गई, लेकिन उनकी मां वंदना जैन ने उन्हें हिम्मत दी. मां ने मनु को आईएएस बनने का सपना दिखाया और उनके अंधेपन को एक चुनौती में बदल दिया. कोविड के दौरान, मन्नू ने यूपीएससी का सपना देखा और जब वह अपनी मां के साथ हमारे फिजिक्सवाला IAS केंद्र में गए, तो पूरी टीम हैरान थी कि वह यह कैसे करेगा. फिर मन्नू ने फिजिक्सवाला IAS की तैयारी शुरू कर दी और सबने मिलकर यह लड़ाई लड़ी. मनु की सफलता में फिजिक्सवाला का भी एक अहम योगदान रहा है.
मां ने पढ़ाई में की मदद, मेहनत लाई रंग
मनु की आंखें बंद होने के बाद उनकी मां वंदना ने नोट्स तैयार किए और उन्हें रटवाए. मनु ने कभी ब्रेल नहीं सीखा, लेकिन टेक्नोलॉजी और मां के सहारे पढ़ाई की. कई बार निराशा के पल आए, लेकिन मनु ने हार नहीं मानी. पहले प्रयास में वह मेन्स में असफल रहे, लेकिन 2024 में रणनीति बदलकर उन्होंने सफलता हासिल की. मनु अब कलेक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहते हैं और इंसाफ दिलाना चाहते हैं.
मनु का मंत्र: लक्ष्य बनाओ, मेहनत करो
मनु ने अपनी सफलता मां और परिवार को समर्पित की है. ननिहाल में पले-बढ़े मनु ने कहा, “लक्ष्य बनाओ और पूरे मन से मेहनत करो, रिजल्ट की चिंता मत करो.” उन्होंने पढ़ाई के लिए घंटे तय नहीं किए, बल्कि रोजाना टारगेट पूरा करने पर ध्यान दिया. उनके मामा डॉ. आनंद जैन और मामी डॉ. नेहा जैन उनकी कामयाबी पर गर्व कर रहे हैं. मनु की कहानी हर यूपीएससी उम्मीदवार के लिए प्रेरणा है.