ऑस्ट्रेलिया ने स्टूडेंट वीजा का बदला नियम, इस डॉक्यूमेंट के बिना छात्र नहीं कर सकेंगे वहां पढ़ाई!

07 Apr, 2025

Azhar Naim

कई छात्रों की ख्वाहिश होती है कि वह विदेश में जाकर पढ़ें.

इनमें एक बड़ी संख्या ऑस्ट्रेलिया जाने वाले छात्रों की होती है.

पहले, छात्रों को लेटर ऑफ ऑफर (LoO) के आधार पर ऑस्ट्रेलिया का स्टूडेंट वीजा मिल जाता था और वीजा एप्लिकेशन स्वीकार कर ली जाती थी

लेकिन ऑस्ट्रेलिया में 1 जनवरी, 2025 से स्टूडेंट वीजा नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया गया है.

ऑस्ट्रेलियन डिपार्टमेंट ऑफ होम अफेयर्स ने ऐलान किया है कि स्टूडेंट वीजा आवेदन के लिए 'लेटर ऑफ ऑफर' (LoO) को स्वीकार नहीं किया जाएगा.

इसके बजाय अब से छात्रों को वीजा एप्लिकेशन के लिए कंफर्मेशन ऑफ एनरॉलमेंट (CoE) की जरूरत पड़ेगी. कंफर्मेशन ऑफ एनरॉलमेंट के बिना सभी आवेदन अमान्य माने जाएंगे.

'इंफॉर्मेशन ऑफ एनरोलमेंट' (CoE) एक ऑफिशियल इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट है, जिसे ऑस्ट्रेलियाई शिक्षण संस्थान जारी करते हैं.

ऑफर लेटर की तरह, इसमें भी अध्ययन कार्यक्रम, पाठ्यक्रम अवधि और संबंधित शुल्क के बारे में जानकारी होती है.

इस डॉक्यूमेंट को प्राप्त करने के लिए, छात्रों को ऑस्ट्रेलियाई शैक्षणिक संस्थान में स्वीकार किए जाने और आवश्यक ट्यूशन फीस का भुगतान करके अपने नामांकन की पुष्टि करनी होगी.

ये नियम न केवल अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए हैं, बल्कि उन लोगों के ऊपर भी लागू होते हैं जो पहले से ही देश में रह रहे हैं और अपने छात्र वीजा को बढ़ाना चाहते हैं.

यह समझना भी जरूरी है कि यदि CoE के बिना वीजा आवेदन को अमान्य माना जाता है, तो ब्रिजिंग वीजा भी प्रदान नहीं किया जा सकता है.

इसी तरह, यदि किसी छात्र का वर्तमान वीजा समाप्त हो जाता है, तो संबंधित ब्रिजिंग वीजा प्रदान नहीं किया जा सकता है.

ये बदलाव इसलिए किया गया है, ताकि ऑस्ट्रेलिया वीजा सिस्टम की विश्वसनीयता बनी रहे और सही छात्रों को वीजा मिल पाए.( Image: Pexels)

Thanks For Reading!

Next: ये हैं MBA की टॉप 5 ब्रांच, इनसे पढ़ाई कर मिलेगी टॉप नौकरी, सैलरी 1 करोड़ तक

Find Out More