कैसे बनते हैं भारतीय सेना में डॉक्टर?
भारतीय सेना में कई पदों पर भर्ती निकलती हैं, जिनमें डॉक्टर की वैकेंसी भी शामिल हैं
इस अवसर को लेकर लोगों के मन में सवाल होते है कि आखिर कैसे इस पद में नौकरी मिलेगी
सेना में डॉक्टर का पद हासिल करने के लिए दो रास्ते हैं
पहला, नीट परीक्षा के जरिए सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (AFMC) में एडमिशन लेकर
दूसरा, MBBS कोर्स पूरा करने के बाद शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) या परमानेंट कमीशन (PC) के लिए आवेदन करके.
अगर आप नीट परीक्षा के जरिए AFMC, पुणे के एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन के लिए सामान्य वर्ग वालो को 600+ अंक चाहिए होते हैं और OBC, SC, ST के लिए कटऑफ थोड़ी कम हो सकती है.
इतना ही नहीं अच्छे अंक से पास होने के बाद आपको AFMC की अतिरिक्त चयन प्रक्रिया (टॉलेन्स टेस्ट, साक्षात्कार और मेडिकल टेस्ट) को भी पास करना जरूरी है.
AFMC यानी आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करना ज्यादा बेहतर है, क्योंकि यह से कोर्स करके सेना में डायरेक्ट कमीशन मिलता है.
यहां एमबीबीएस कोर्स की अवधि में 4.5 साल की पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप शामिल है. हालांकि आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद कम से कम 7 सालों तक भारतीय सेना में सेवा देना अनिवार्य है.
AFMC से शुरुआत करने पर ट्रेनिंग के दौरान मासिक स्टाइपेंड लगभग 20,000-30,000 तक हो सकती है.
AFMC से शुरुआत करने पर ट्रेनिंग के दौरान मासिक स्टाइपेंड लगभग 20,000-30,000 तक हो सकती है.
लेफ्टिनेंट बनने पर बेसिक सैलरी 61,000 रुपये होती है. इसी के साथ 15,500 रुपये MSP और HRA, TA समेत अन्य भत्तों के साथ कुल सैलरी 90,000 से 1,00,000 रुपये प्रति माह तक हो सकती है.
सैलरी के अलावा मुफ्त आवास, मेडिकल सुविधा, कैंटीन, पेंशन और बच्चों की शिक्षा के लिए भी लाभ मिलता है. (Image: Pexels)
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