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पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले में 10 जनवरी को एक सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक्सपायर रिंगर लैक्टेट दिए जाने से एक महिला की मौत हो गई थी. अब महिला की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें उसकी मौत के पीछे मल्टी ऑर्गन फेलियर और सेप्टीसीमिया होने की वजहों का पता चला है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि महिला के शरीर में जहरीले तरल पदार्थ की मौजूदगी की वजह से महिला की मौत हो गई. इस बात ने ये भी सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पीड़िता को सलाइन के अलावा ऑक्सीटोसिन भी दिया गया था ताकि जहरीले तरल पदार्थ के असर को कंट्रोल में किया जा सके.
महिला की मौत के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित समिति और दूसरी राज्य पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) जांच कर रही है. पिछले हफ्ते पश्चिम मिदनापुर जिले के उक्त सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पांच महिलाएं कथित तौर पर एक्सपायरी रिंगर लैक्टेट दिए जाने के बाद बीमार पड़ गई थीं. इनमें से एक महिला की अस्पताल में मौत हो गई थी.
एक्सपायरी सलाइन देने के बाद सभी महिलाएं बीमार पड़ गई थी जिसमें से चार महिलाओं को उसी अस्पताल की क्रिटिकल केयर यूनिट और इंटेंसिव केयर यूनिट में उपचार के लिए रखा गया. उनमें से तीन को उनकी चिकित्सा स्थिति में तेज गिरावट के बाद कोलकाता के सरकारी एस.एस.के.एम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित करना पड़ा. जिसमें से एक महिला की मौत हो गई.
इस घटना ने गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं, क्योंकि एक्सपायरी आरएल सलाइन कथित तौर पर पश्चिम बंगा फार्मास्युटिकल लिमिटेड से आई थी, जो कि पहले कर्नाटक सरकार और बाद में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रतिबंधित की गई कंपनी थी.
(Source – IANS)
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