
By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts Cookies Policy.
Punjab News Today: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पक्ष लेने के लिए अमृतसर के स्वर्ण मंदिर (Golden Temple Amritsar) में सजा काट रहे हैं. सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने एक दिन पहले ही शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को गुरुद्वारे में रसोई और वॉशरूम की सफाई की सजा सुनाई थी. इसके बाद मंगलवार सुबह सुखबीर बादल अमृतसर में गोल्डन टेंपल के मेन गेट पर गली में तख्ती लटकाए व्हीलचेयर पर बैठे नजर आए. इस दौरान उनके हाथ में एक भाला भी था.
Amritsar, Punjab: As per the religious punishment given to Sukhbir Singh Badal by the Five Singh Sahibans, he will carry a spear (Barchha) and wear the attire of a sevadaar (Chola) at the entrance of Sri Harmandir Sahib. He will perform this service from 9 AM to 10 AM pic.twitter.com/C3jFdM52L1
— IANS (@ians_india) December 3, 2024
अकाल तख्त ने पंजाब में 2007 से 2017 तक शिरोमणि अकाली दल और उसकी सरकार की गई ‘गलतियों’ के लिए सुखबीर सिंह बादल की ‘तनखा’ (धार्मिक सजा) का सोमवार को एलान किया. बादल को ‘सेवादार’ के तौर पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में बर्तन और जूते साफ करने का आदेश दिया गया है. अमृतसर में अकाल तख्त के ‘फसील’ (मंच) से फैसला सुनाते हुए सिखों के सर्वोच्च तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल (SAD) की कार्यकारिणी को पार्टी अध्यक्ष पद से सुखबीर बादल का इस्तीफा मंजूर करने का निर्देश भी दिया.
Sukhbir Badal at Sri Darbar Sahib Complex to serve day 1 of Tankhah. pic.twitter.com/LSoUxVBOzY
— ⭐️⭐️⭐️⭐️⭐️Saka Nakodar:4Feb86 ਸਾਕਾ ਨਕੋਦਰ:੪ਫ਼ਰਵਰੀ੮੬ (@sakanakodar) December 3, 2024
जत्थेदार ने सुखबीर बादल के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत प्रकाश सिंह बादल को दी गई ‘फख्र-ए-कौम’ की उपाधि वापस लेने की घोषणा भी की. पांच सिंह साहिबानों ने 2007 से 2017 के दौरान SAD कैबिनेट में मंत्री के रूप में कार्य करने वाले अन्य सिख नेताओं के लिए भी धार्मिक सजा की घोषणा की. सिंह ने कहा कि पैर में फ्रैक्चर के कारण व्हीलचेयर का इस्तेमाल कर रहे सुखबीर बादल और बागी नेता सुखदेव सिंह ढींडसा को 2 दिन तक एक-एक घंटे के लिए ‘सेवादार’ की पोशाक पहनकर स्वर्ण मंदिर के बाहर बैठने का निर्देश दिया गया है. उदोनों नेता तख्त केसगढ़ साहिब, तख्त दमदमा साहिब, मुक्तसर के दरबार साहिब और फतेहगढ़ साहिब में भी दो दिनों के लिए ‘सेवादार’ की भूमिका में काम करेंगे.
सुखबीर बादल और सुखदेव ढींडसा से ‘कीर्तन’ सुनने के अलावा स्वर्ण मंदिर में एक घंटा श्रद्धालुओं के बर्तन और जूते साफ करने के लिए कहा गया है. ‘तनखा’ की घोषणा से पहले सुखबीर बादल ने अपनी गलतियां स्वीकार कीं, जिनमें SAD शासन के दौरान 2007 के ईशनिंदा मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को माफ करना भी शामिल है. अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को ‘तनखैया’ (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित करने के लगभग तीन महीने बाद उनकी ‘तनखा’ का एलान किया.
#WATCH | Punjab: Shiromani Akali Dal leader Bikram Singh Majithia washes utensils at Golden Temple in Amritsar following the religious punishment pronounced for him by Sri Akal Takht Sahib yesterday.
The punishment includes a directive to perform as a ‘sewadar’ and clean… pic.twitter.com/oWqmMPDlki
— ANI (@ANI) December 3, 2024
जत्थेदार ने अकाली नेताओं-सुच्चा सिंह लंगाह, हीरा सिंह गाबड़िया, बलविंदर सिंह भूंदड़, दलजीत सिंह चीमा और गुलजार सिंह रणिके को स्वर्ण मंदिर में एक घंटे के लिए शौचालय साफ करने और फिर स्नान करने के बाद सामुदायिक रसोई में बर्तन धोने का निर्देश दिया. जत्थेदार ने कहा कि ये नेता एक घंटे तक कीर्तन भी सुनेंगे. बीबी जगीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत सिंह रखड़ा, बिक्रम सिंह मजीठिया, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, चरनजीत सिंह अटवाल और आदेश प्रताप सिंह कैरों सहित अन्य अकाली नेताओं को भी स्वर्ण मंदिर में एक घंटे के लिए शौचालय साफ करने का आदेश दिया गया.
(इनपुट: एजेंसी)
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें India Hindi की और अन्य ताजा-तरीन खबरें