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दिल्ली की सत्ता से केजरीवाल बाहर हो चुके हैं. हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की है. दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में BJP ने 48, जबकि आम आदमी पार्टी ने 22 सीटों पर दर्ज की. दिल्ली में एक बार फिर कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है. दिल्ली में सरकार बनाने के लिए 36 सीटों की जरूरत है. इन सबके बीच दिल्ली की हार के बाद केजरीवाल एक बार फिर एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. केजरीवाल अब पंजाब के विधायकों के साथ ताबड़तोड़ बैठक कर रहे हैं. दिल्ली के कपूरथला हाउस में पंजाब के विधायकों-सांसदों की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें सीएम भगवंत मान के अलावा अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया भी मौजदू थे.
बैठक खत्म हो चुकी है. आम आदमी पार्टी (AAP) के सूत्रों का कहना है कि यह बैठक दिल्ली विधानसभा चुनावों पर चर्चा करने और पंजाब के नेताओं की प्रतिक्रिया लेने के लिए बुलाई गई है. बताया जा रहा है कि केजरीवाल ने पंजाब के अपने नेताओं की यह बैठक पार्टी की राज्य इकाई में बढ़ते आंतरिक असंतोष की चर्चा के बीच बुलाई थी.
न्यूज एजेंसी IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, यह बैठक दिल्ली विधानसभा चुनाव में ‘आप’ की हार और पंजाब इकाई में बढ़ते आंतरिक असंतोष को लेकर हुई है. हालांकि, आप सांसद मालविंदर सिंह कांग ने असंतोष की खबरों को खारिज करते हुए बैठक को ‘नियमित रणनीति सत्र’ बताया. उन्होंने कहा, ‘पार्टी में यह एक निरंतर प्रक्रिया है. पार्टी की भावी रणनीतियों को तय करने के लिए सभी इकाइयों से फीडबैक लिया जाता है.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, बैठक में दिल्ली चुनाव के परिणामों का विश्लेषण और 2027 में होने वाले पंजाब चुनाव के लिए रणनीति बनाने पर चर्चा की गई है. ऐसा दावा भी किया जा रहा है कि केजरीवाल ने पंजाब के नेताओं के साथ बैठक इसलिए की, क्योंकि पार्टी में यह चर्चा है कि राज्य के कुछ विधायक अन्य दलों से संपर्क कर सकते हैं.
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