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भारत में सेना के जवान, पुलिसकर्मियों को लोगों की रक्षा के लिए जाना जाता है. लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जिन्हें पढ़ हमारा इन रक्षक से भरोसा उठ जाता है. ताजा मामला गुजरात के भरूच जिले से सामने आया है. यहां अंकलेश्वर शहर में अपने पड़ोस से आठ वर्षीय एक बच्चे का अपहरण कर उसकी हत्या करने के आरोप में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक कांस्टेबल को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस उपाधीक्षक कुशल ओझा ने बताया कि शैलेंद्र राजपूत ने बच्चे का अपहरण कर लिया और उसके पिता से पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. क्योंकि शेयर बाजार में नुकसान के कारण वह कर्ज में डूबा हुआ था. शैलेंद्र राजपूत की पोस्टिंग मध्य प्रदेश के ग्वालियर में थी. ओझा ने बताया कि शुभम राजपाल बृहस्पतिवार दोपहर करीब डेढ़ बजे लापता हो गया था. जिसके बाद उसके परिवार ने उसी दिन शाम को पुलिस को इसकी सूचना दे दी थी.
न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ ने अधिकारी के हवाल से बताया कि पुलिस को शनिवार को राजपूत के घर से बच्चे का शव मिला. जिसके हाथ-पैर बंधे हुए थे और मुंह पर टेप चिपका हुआ था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजपूत ने कथित तौर पर बच्चे को बहला-फुसलाकर अपने घर बुलाया और उसके परिजनों से पैसे मांगने के लिए उसे बंधक बना लिया, ताकि वह अपना कर्ज चुका सके.
उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि अपहरण के तीन-चार घंटे के भीतर ही बच्चे की मौत हो गई. यह जानते हुए भी कि बच्चा मर चुका है, राजपूत ने अगले दिन उसके परिजनों को एक संदेश भेजा. जिसमें उसने उसकी रिहाई के लिए पांच लाख रुपये की मांग की गई.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि फिरौती की मांग के बाद बच्चे के परिजनों ने पुलिस को सूचित किया. फिर पुलिस ने तकनीकी एवं मानवीय निगरानी का इस्तेमाल कर सीआरपीएफ के कांस्टेबल का पता लगाया और उसे गिरफ्तार कर लिया. ओझा ने बताया कि बच्चे के लापता होने के बाद इलाके में पुलिस की मौजूदगी के कारण आरोपी शव का निपटान नहीं कर सका.