महिलाओं के लिए अब अस्पताल भी सेफ नहीं! मैटरनिटी होम के कई VIDEO वायरल- हैरान करने वाला है पूरा मामला

Rajkot News: वायरल हो रहा वीडियो राजकोट के पायल मैटरनिटी होम का है. जिसमें महिला मरीजों को अस्पताल के बंद कमरे में महिला डॉक्टरों द्वारा जांच करते और नर्स द्वारा इंजेक्शन लगाते देखा जा सकता है.

Published: February 18, 2025 12:20 PM IST

By Parinay Kumar

Gujarat Hospital

Gujarat News Today: होटलों और मॉल में छिपे कैमरों वाले चेंजिंग रूम की डरावनी कहानियों के बाद अब गुजरात के अस्पताल के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किये गए हैं. ये वीडियो गुजरात के एक मैटरनिटी अस्पताल में महिलाओं की जांच से जुड़े हैं, जिन्हें Youtube और Telegram चैनलों पर अपलोड किए गए हैं. अस्पताल से ये वीडियो वायरल होने के बाद महिलाओं की सुरक्षा पर सवालिया निशान लग गया है.

राजकोट का है वीडियो

वायरल हो रहा वीडियो राजकोट के पायल मैटरनिटी होम का है. जिसमें महिला मरीजों को अस्पताल के बंद कमरे में महिला डॉक्टरों द्वारा जांच करते और नर्स द्वारा इंजेक्शन लगाते देखा जा सकता है. वीडियो अहमदाबाद साइबर क्राइम पुलिस की नजर में आया और मामले की जांच शुरू की गई. अस्पताल के निदेशक से जब इस बारे में पूछताछ की गई, तो उन्होंने दावा किया कि CCTV सर्वर हैक कर लिया गया था.

‘सर्वर को कर लिया गया हैक’

अस्पताल में काम करने वाले डॉ. अमित अकबरी ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि अस्पताल के वीडियो कैसे वायरल हुए. ऐसा लगता है कि हमारे CCTV सर्वर को हैक कर लिया गया है. हालांकि, हमें यह भी नहीं पता कि ऐसा क्यों हुआ और हम पुलिस को सूचित करेंगे. हम शिकायत भी दर्ज करेंगे और सभी मुद्दों की जांच में पुलिस के साथ सहयोग करेंगे.’ राजकोट साइबर क्राइम पुलिस ने भी मामला दर्ज किया है. टीम डॉक्टरों समेत पूरे अस्पताल स्टाफ से पूछताछ कर रही है. पुलिस ने कहा, ‘वीडियो की जांच की जा रही है. हम जांच कर रहे हैं कि ये वीडियो किसने और किस उद्देश्य से बनाए हैं. हम साइबर क्राइम IT एक्ट की धारा 66E, 67 के तहत मामला दर्ज करेंगे.’

7 वीडियो हुए हैं अपलोड

सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर क्राइम) हार्दिक मकाडिया ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी ने यूट्यूब चैनल से जुड़ा एक टेलीग्राम ग्रुप बनाया था, जहां ये वीडियो अपलोड किए गए थे. मकाडिया ने बताया, ‘आरोपी ने यूट्यूब चैनल पर ऐसे 7 वीडियो अपलोड किए और डिस्क्रिप्शन में एक टेलीग्राम ग्रुप का लिंक दिया था. उस ग्रुप के सदस्यों से इसी तरह के वीडियो देखने के लिए चार्ज देने को कहा गया था. सदस्यों को सदस्यता शुल्क देने के लिए आकर्षित करने के लिहाज से वीडियो से लिए गए स्क्रीन शॉट शेयर किए गए थे.’

महिला की जांच करते दिख रहे डॉक्टर

शुरुआती जांच में पता चला है कि टेलीग्राम ग्रुप पिछले साल सितंबर में शुरू किया गया था, जबकि यूट्यूब चैनल इस साल जनवरी में शुरू किया गया था. मकाडिया ने कहा, ‘चैनल ने अब तक अस्पताल के अंदर एक बिस्तर पर डॉक्टरों द्वारा महिलाओं की जांच के 7 वीडियो अपलोड किए हैं. उस चैनल को बढ़ावा देने वाले टेलीग्राम समूह में 90 से अधिक सदस्य हैं. एक वीडियो में एक नर्स और महिला मरीज को गुजराती में बात करते हुए सुना जा सकता है.’ एसीपी ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है.

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