औरंगजेब की तारीफ वाले बयान के बाद अबू आजमी पर एक्शन, मौजूदा विधानसभा सत्र से निलंबित

Maharashtra News: समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी पर यह कार्रवाई औरंगजेब के बारे में उनकी टिप्पणी के खिलाफ जीरो FIR दर्ज होने के एक दिन बाद हुआ है.

Updated: March 5, 2025 12:58 PM IST

By Parinay Kumar

Abu Asim Azmi News
Abu Asim Azmi News

Maharashtra News: महाराष्ट्र विधानसभा ने बुधवार को सपा विधायक अबू आसिम आजमी (Abu Azmi) को मौजूदा विधानसभा सत्र से निलंबित कर दिया है. अबू आजमी मुगल बादशाह औरंगजेब पर दिये अपने हालिया बयान की वजह से विवादों में थे. अबू आजमी ने मुगल बादशाह औरंगजेब की तारीफ की थी. अबू आजमी पर यह कार्रवाई औरंगजेब के बारे में उनकी टिप्पणी के खिलाफ जीरो FIR दर्ज होने के एक दिन बाद हुआ है.

मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान आजमी ने औरंगजेब को एक ‘अच्छा प्रशासक’ बताया था. अबू आजमी ने सोमवार को कहा था, ‘औरंगजेब के बारे में सारा गलत इतिहास दिखाया जा रहा है.. उन्होंने आगे कहा कि बादशाह ने ‘कई मंदिर बनवाए’ और ‘वह एक क्रूर नेता नहीं था.’

शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने आजमी की टिप्पणियों की निंदा करते हुए कहा, ‘अबू आजमी को भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं है.’ उन्होंने औरंगजेब द्वारा हिंदू मंदिरों को नष्ट करने, छत्रपति संभाजी महाराज को प्रताड़ित करने का हवाला देते हुए सपा विधायक के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की. बता दें कि राज्य विधानमंडल का बजट सत्र 26 मार्च को समाप्त होगा.

राज्य के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बुधवार को सदन में निलंबन का प्रस्ताव पेश किया. सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कहा कि औरंगजेब की प्रशंसा में बयान मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान है. पाटिल ने कहा, ‘औरंगजेब की प्रशंसा और संभाजी महाराज की आलोचना करने वाली आजमी की टिप्पणियां एक विधानसभा के सदस्य को शोभा नहीं देती हैं और यह विधानसभा का अपमान है.’ निलंबन का प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.

सपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष आजमी ने कहा था कि औरंगजेब के शासनकाल के दौरान भारत की सीमा अफगानिस्तान और बर्मा (म्यांमा) तक पहुंच गई थी. मुंबई के मानखुर्द शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक आजमी ने दावा किया था, ‘हमारा जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) (विश्व जीडीपी का) 24 प्रतिशत था और भारत को (औरंगजेब के शासनकाल के दौरान) सोने की चिड़िया कहा जाता था.’ उनकी टिप्पणियों के कारण मंगलवार को राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में हंगामा हुआ, जिसमें सत्ता पक्ष के सदस्यों ने उन्हें निलंबित करने और उन पर राजद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की.

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