दिल्ली में मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे निजी स्कूल, School Fees Act को कैबिनेट ने दी मंजूरी

Private School Fees: शिक्षा निदेशालय (DoE) के बाहर हुए प्रदर्शनों में अभिभावकों ने नारे लगाए, 'फीस वृद्धि बंद करो, अभिभावक ATM नहीं हैं' और 'शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है.'

Published: April 29, 2025 7:45 PM IST

By Akarsh Shukla

दिल्ली में मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे निजी स्कूल, School Fees Act को कैबिनेट ने दी मंजूरी

Delhi School Fees Act: दिल्ली में निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर अब लगाम लग सकती है. दिल्ली सरकार ने मंगलवार, 29 अप्रैल को दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस बिल, 2025 के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसे ‘ऐतिहासिक और साहसिक’ कदम बताया. इस बिल का मकसद निजी और सरकारी स्कूलों में फीस वृद्धि को पारदर्शी और नियंत्रित करना है, ताकि अभिभावकों पर बोझ न पड़े. मालूम हो कि पिछले कुछ हफ्तों से दिल्ली में अभिभावक निजी स्कूलों की बेतहाशा फीस वृद्धि के खिलाफ सड़कों पर थे.

‘ATM नहीं हैं अभिभावक’

शिक्षा निदेशालय (DoE) के बाहर हुए प्रदर्शनों में अभिभावकों ने नारे लगाए, ‘फीस वृद्धि बंद करो, अभिभावक ATM नहीं हैं’ और ‘शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है.’ इन शिकायतों के बाद DoE ने 16 अप्रैल को घोषणा की थी कि गैर-कानूनी फीस वृद्धि करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी, जिसमें स्कूलों की मान्यता रद्द करना और प्रबंधन को अपने कब्जे में लेना शामिल है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘पिछली सरकारों ने फीस वृद्धि रोकने के लिए कोई नियम नहीं बनाए. अभिभावकों और बच्चों में फीस के नाम पर डर और उत्पीड़न का माहौल था.’ उन्होंने बताया कि इस बिल से दिल्ली के 1,677 स्कूलों में फीस निर्धारण के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश होंगे.

दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि बिल को लागू करने से पहले 18 प्रावधानों पर समीक्षा होगी. उन्होंने कहा, ‘यह बिल जल्द ही विधानसभा में पेश और पारित होगा. फीस वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए अभिभावक, शिक्षक और स्कूल प्रबंधन मिलकर काम करेंगे. अगले तीन साल तक फीस में कोई बदलाव नहीं होगा.’ नियम तोड़ने वाले स्कूलों का प्रबंधन सरकार अपने हाथ में ले सकती है. बिल में फीस वृद्धि की निगरानी के लिए तीन-स्तरीय समितियों के गठन का प्रस्ताव है. यह कदम अभिभावकों को बड़ी राहत देगा, जो लंबे समय से स्कूलों की मनमानी से परेशान थे. हाल ही में दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) द्वारका पर फीस विवाद में बच्चों को लाइब्रेरी में बंद करने और कक्षाओं से वंचित करने के आरोप लगे थे, जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने स्कूल को फटकार लगाई थी.

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