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बिहार विद्यालय परीक्षा समिति यानि BSEB ने इंटरमीडिएट परीक्षा, 2024 के नतीजे घोषित कर दिए हैं. इस साल कुल 86.50% छात्रों ने परीक्षा पास की, जो कि पिछले सालों की तुलना में एक शानदार प्रदर्शन माना जा रहा है. इस बार की परीक्षा में चंपारण की रहने वाली प्रिया जायसवाल प्रदेश में पहले स्थान पर आई हैं. इस बच्ची ने 500 में से 484 मार्क्स हासिल किए.
बिहार में 12वीं टॉप करने वाली प्रिया जायसवाल कहां की रहने वाली हैं? उनके माता-पिता क्या काम करते हैं और अब वह आगे क्या करना चाहती हैं? चलिए आपको इस खबर के माध्यम से इन सभी सवालों के बारे में बताते हैं.
इस साल बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा (Bihar Board Result) में साइंस स्ट्रीम में टॉप करने वाली प्रिया जायसवाल पश्चिम चंपारण जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने 484 अंक प्राप्त कर पूरे राज्य में पहला स्थान हासिल किया. प्रिया के पिता संतोष जायसवाल पेशे से एक किसान हैं, और उनकी मां रीमा जायसवाल गृहिणी हैं. उनके परिवार में कुल पांच भाई-बहन हैं, जिनमें वह तीसरे नंबर पर आती हैं.
जानकारी के अनुसार, प्रिया की बड़ी बहनें ग्रेजुएशन कर रही हैं, जबकि छोटे भाई अभी स्कूल में ही पढ़ाई करते हैं. एक साधारण किसान परिवार से होने के बावजूद, प्रिया ने अपनी मेहनत और लगन से यह सफलता हासिल की. उनका यह सफर पूरे राज्य के उन छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं.
एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू देते हुए प्रिया बताती हैं कि उन्होंने किसी कठोर स्टडी टाइम टेबल का पालन नहीं किया, बल्कि पढ़ाई को एक रुचि के रूप में लिया. उन्होंने रोज कम से कम 8 घंटे पढ़ाई की, लेकिन किसी तरह का मानसिक दबाव नहीं लिया. उन्होंने किसी कोचिंग संस्थान से मदद नहीं ली, बल्कि स्कूल के शिक्षकों के मार्गदर्शन में ही परीक्षा की तैयारी की. प्रिया का मानना है कि सफलता के लिए निरंतरता और सही रणनीति जरूरी होती है. उनकी इस मेहनत का ही नतीजा है कि वह न केवल टॉप 10 में स्थान बनाने में सफल रहीं, बल्कि पूरे राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त कर अपने जिले और परिवार का नाम रोशन किया.
प्रिया ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया. इस बच्ची का सपना है कि वह अपनी बड़ी बहन की तरह मेडिकल की पढ़ाई करें और डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करें. प्रिया ने इंटरव्यू में बताया कि वह हमेशा से ही मेडिकल फील्ड में जाना चाहती थीं, क्योंकि वे समाज के लिए कुछ अच्छा करना चाहती हैं. उनकी सफलता ने न केवल उनके परिवार को, बल्कि पूरे बिहार को गर्व महसूस कराया है. उनकी यह कहानी उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत कर रहे हैं.