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Waqf Amendment Bill: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) में वक्फ संशोधन बिल 2025 को लेकर भारी बवाल मच गया है. पार्टी के दो बड़े नेताओं, मोहम्मद कासिम अंसारी और मोहम्मद अशरफ अंसारी ने इस बिल का समर्थन करने पर नाराजगी जताते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. दोनों नेताओं ने नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि इस बिल ने मुस्लिम समुदाय का भरोसा तोड़ दिया है.
मोहम्मद कासिम अंसारी ने नीतीश को लिखे पत्र में कहा, ‘मैंने अपनी जिंदगी के कई साल इस पार्टी को दिए, लेकिन आज मुझे बहुत दुख हो रहा है. हम मुसलमानों को भरोसा था कि आप सेक्युलर विचारधारा के सच्चे झंडाबरदार हैं, लेकिन आपने हमारा भरोसा तोड़ दिया.’ उन्होंने कहा कि वक्फ बिल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है और ये संविधान के कई बुनियादी अधिकारों का उल्लंघन करता है. कासिम ने ये भी कहा कि इस बिल से मुसलमानों को अपमानित और ठेस पहुंचाई जा रही है.
वहीं, JD(U) की माइनॉरिटी विंग के हेड मोहम्मद अशरफ अंसारी ने भी इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा, ‘लाखों मुसलमानों को नीतीश कुमार पर भरोसा था कि वो सेक्युलर विचारधारा के साथ खड़े रहेंगे, लेकिन अब ये भरोसा टूट गया है.’ अशरफ ने पार्टी के नेता ललन सिंह के लोकसभा में दिए भाषण पर भी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि जिस तरह ललन सिंह ने बिल का समर्थन किया, उससे मुस्लिम समुदाय को गहरा सदमा पहुंचा है.
दूसरी तरफ, JD(U) नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने लोकसभा में बिल का समर्थन करते हुए कहा कि ये कानून वक्फ प्रॉपर्टीज में पारदर्शिता लाने और मुस्लिम समुदाय के सभी वर्गों के हितों की रक्षा के लिए है. उन्होंने विपक्ष पर झूठा नैरेटिव बनाने का आरोप लगाया और कहा कि कुछ लोग इसे ‘मुस्लिम विरोधी’ बताकर माहौल खराब कर रहे हैं. ललन सिंह ने ये भी कहा कि वक्फ एक ट्रस्ट है, जो मुसलमानों के हित में काम करता है, न कि कोई धार्मिक संगठन.
लोकसभा में ये बिल पास हो चुका है और अब राज्यसभा में इस पर चर्चा हो रही है. राज्यसभा में NDA को 245 में से 125 सांसदों का समर्थन है, जो विपक्ष से 5 ज्यादा है. लेकिन JD(U) के इस फैसले से पार्टी के अंदर और बिहार में सियासी तूफान खड़ा हो गया है. देखना होगा कि नीतीश कुमार इस बगावत को कैसे संभालते हैं.