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पटना में शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर राज्य में उनकी पार्टी की सरकार बनती है, तो यह विधेयक किसी कीमत पर लागू नहीं होगा और इसे सीधा कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा. तेजस्वी ने इस बिल को पूरी तरह असंवैधानिक बताया और कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन करता है, जो सभी धार्मिक समुदायों को अपने धार्मिक मामलों को स्वतंत्र रूप से संचालित करने का अधिकार देता है.
तेजस्वी यादव ने बताया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों में इस बिल का जमकर विरोध किया और इसके खिलाफ वोट भी किया. उन्होंने कहा कि राजद इस बिल के खिलाफ केवल बयानबाजी नहीं कर रही, बल्कि कोर्ट तक पहुंच गई है और हर मंच पर इसका विरोध करेगी. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस संविधान विरोधी काम कर रही हैं और समाज को बांटने की राजनीति कर रही हैं. उन्होंने कहा कि राजद लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों पर चलते हुए इस कानून के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी.
तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री पर भी तीखा हमला बोला और कहा कि मुख्यमंत्री ऐसी अहम विधेयक पर चुप्पी साधे हुए हैं. उन्होंने कहा कि इतने संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दे पर मुख्यमंत्री का एक शब्द ना बोलना यह दिखाता है कि सरकार किस तरह से काम कर रही है. उन्होंने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वे विचारधारा की राजनीति छोड़कर भाजपा के विश्वास जीतने की कोशिश कर रहे हैं और मुसलमानों का हितैषी होने का दिखावा कर रहे हैं.
तेजस्वी ने कहा, कि भाजपा लगातार पिछड़ा, दलित, आदिवासी और अतिपिछड़ा वर्ग के हकों को खत्म करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह से भाजपा ने 65 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था को रुकवाया, वह दिखाता है कि भाजपा सामाजिक न्याय की विरोधी है. उन्होंने इन वर्गों से अपील की कि वे दीर्घकालिक फायदे को समझें और अपने अधिकारों के लिए सजग हों. तेजस्वी का कहना है कि भाजपा की नीति समाज के कमजोर वर्गों को हाशिए पर धकेलने की है और इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए.
(इनपुट-एजेंसी के साथ)