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मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के लिधोराताल गांव में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां पिता के अंतिम संस्कार को लेकर दो भाइयों के बीच ऐसा विवाद हुआ कि पुलिस तक को आना पड़ गया. 84 वर्षीय ध्यानी सिंह घोष का रविवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वे अपने छोटे बेटे देशराज के साथ रहते थे, जब उनके बड़े बेटे किशन को पिता की मौत की खबर मिली तो वह भी अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए गांव पहुंचा. लेकिन दोनों भाइयों के बीच अंतिम संस्कार का अधिकार किसका होगा, इसको लेकर बहस छिड़ गई.
बात तब बिगड़ गई जब नशे में धुत किशन ने शव के दो हिस्से करने की मांग कर दी. उसका कहना था कि वह पिता के शव का आधा हिस्सा लेकर खुद उनका अंतिम संस्कार करेगा. इस अजीबोगरीब मांग ने परिवार वालों और आसपास के लोगों को हैरान कर दिया. अंतिम संस्कार को लेकर भी झगड़ा हो सकता है, इस बारे में किसी ने भी सोचा नहीं होगा. हालांकि, परिवार वालों ने किशन को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह जिद पर अड़ा रहा.
मामले की सूचना मिलते ही जतारा थाने के प्रभारी अरविंद सिंह डांगी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. पुलिस ने किसी तरह किशन को समझाया और उसे वहां से हटाया. इसके बाद छोटे बेटे देशराज ने पिता का अंतिम संस्कार किया. रिश्तेदारों ने बताया कि इस दौरान काफी तनावपूर्ण माहौल बना रहा. पुलिस की मौजूदगी के चलते मामला शांत हो सका और शव का सम्मानजनक ढंग से अंतिम संस्कार किया गया.
यह घटना न केवल क्षेत्र बल्कि देश के कोने-कोने तक चर्चा का विषय बन गई है. एक तरफ जहां ग्रामीण इस विचित्र घटना पर हैरानी जता रहे थे, वहीं दूसरी तरफ समाज में परिवार के बीच बढ़ते मतभेदों और तनाव को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही थी.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों भाइयों को शांति बनाए रखने की हिदायत दी गई है. इस मामले ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि पारिवारिक संबंधों में आए विघटन को कैसे सुधारा जाए ताकि ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण हालात न बनें.
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