Khatu Shyam Story Khatu Shyam Has A Deep Connection With Mahabharata All These Things Will Open All The Secrets
खाटू श्याम भगवान का महाभारत से है गहरा संबंध, ये 5 बातें खोलेंगी सारे राज
Khatu Shyam: खाटू श्याम भगवान के प्रति लोगों की विशेष आस्था है क्योंकि इन्हें कलयुग का भगवान कहा गया है. मान्यता है कि खाटू श्याम बाबा के दर्शन से व्यक्ति को हर दुख से छुटकारा मिल जाता है.
Khatu Shyam: आज के समय में खाटू श्याम भगवान बेहद ही लोकप्रिय हैं और धर्म ग्रंथों में भी इन्हें कलयुग का भगवान कहा गया है. लोग अपने दुखों से छुटकारा पाने के लिए खाटू श्याम भगवान के मंदिर जाते हैं. राजस्थान के सीकर में स्थित खाटू श्याम का मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है. लोगों के बीच खाटू श्याम भगवान की विशेष मान्यता हैं और कहते हैं कि जो भी इनके द्वार पर जाता है वह खाली हाथ वापस नहीं आता. इनके दर्शनों के लिए लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर खाटू श्याम को कलियुग का भगवान क्यों कहा गया है और इनकी इतनी मान्यता क्यों है?
खाटू श्याम जी भगवान श्रीकृष्ण का कलियुग अवतार है और कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन उनका जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस दौरान खाटू श्याम मंदिर के परिसर में भव्य मेला लगता है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार खाटू श्याम का सीधा संबंध महाभारत काल से है. खाटू श्याम पांडव पुत्र भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र थे. इनका असली नाम बर्बरीक था जिन्हें कलियुग में खाटू श्याम के नाम से जाना जाता है.
महाभारत के समय बर्बरीक को भगवान कृष्ण ने वरदान दिया था कि वह कलियुग में भगवान श्रीकृष्ण के नाम से पूजे जाएंगे. आज कलियुग में खाटू श्याम के नाम से बर्बरीक का पूजन किया जाता है.
मान्यता है कि बाबा श्याम, खाटू धाम में स्थित कुंड में प्रकट हुए थे और इसलिए खाटू श्याम मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण शालीग्राम के रूप में पूजे जाते हैं.
बर्बरीक ने महाभारत युद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण को अपनी शीश काटकर दान किया था. इसलिए इन्हें शीश दानी भी कहा जाता है. साथ ही महाभारत के युद्ध में बर्बरीक ने आगे वाले दल का पक्ष लिया था और यही वजह है कि इन्हें हारे का सहारा भी कहा जाता है.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. India.Com इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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