इंद्र पुत्र जयंत पर भगवान राम ने क्यों चलाया बाण?

04 May, 2025

Shivendra Rai

एक बार इंद्र के पुत्र जयंत ने सीता मां के पैरों में कौवा बनकर चोंच मार दिया.

जयंत ने श्रीराम की शक्ति को चुनौती देने के उद्देश्य से ये कार्य किया था.

सीताजी के पैरों से रक्त निकलता देख श्रीराम ने कौवे का रूप धरे जयंत पर तीर चला दिया.

श्रीराम के चलाए तीर ने तीनो लोकों में जयंत का पीछा किया. उसे कहीं छिपने की जगह नहीं मिली.

वह अपना असली रूप धरकर पिता इन्द्र के पास गया लेकिन पिता ने भी उसे शरण नहीं दी.

भागते जयंत को रास्ते में नारद मुनि मिले. नारद मुनि ने कहा कि तुम्हें इस बाण से केवल श्रीराम ही बचा सकते हैं.

अंत में जयंत श्रीराम की शरण में गया और माफी मांगी.

सीता जी के कहने पर राम ने जयंत को माफ कर दिया लेकिन उसे एक छोटी सजा भी मिली.

राम के चलाए तीर से जयंत की एक आंख फूट गई. क्योंकि श्रीराम का छोड़ा बाण कभी निष्फल नहीं होता. (सभी तस्वीरें एआई की मदद से बनाई गई हैं)

Thanks For Reading!

Next: अंतिम संस्कार के बाद भी बचा रहता है शरीर का ये अंग, जानें रहस्य

Find Out More