भांजे क्यों नहीं छूते मामा के पैर? 90% लोग नहीं जानते जवाब
05 May, 2025
Gargi Santosh
भारत में भांजा या भांजी मामा-मामी के पैर नहीं छूते, जबकि मामा उनके पैर छू सकते हैं.
पैर छूने की परंपरा सम्मान दिखाने के लिए होती है, लेकिन मामा-भांजा रिश्ते में इसका उल्टा होता.
भांजा या भांजी मामा के लिए 'मानदान' होते हैं यानि की पूजनीय और सम्मान योग्य.
पिता जब अपनी बेटी का कन्यादान करते हैं, तो उसके पैर छूते हैं जिससे वह पूजनीय हो जाती है.
इसी कारण बेटी के बेटे यानि की भांजे को मामा सम्मान देता है, न कि उल्टा.
अगर भांजा मामा के पैर छुए, तो यह अनुचित और पाप माना जाता है.
यही वजह है कि ननद भी भाभी के पैर नहीं छूती, क्योंकि वह भी मानदान की श्रेणी में आती है.
इस परंपरा का उद्देश्य है कि जो रिश्ते पूजनीय हैं, उन्हें विशेष आदर और ऊंचा दर्जा मिले.
डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. India.Com इसकी पुष्टि नहीं करता.
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