पाकिस्तान में फूटने जा रहा है बिजली और गैस बम, वजह है कर्ज की किस्त

लगातार महंगी हो रही बिजली की मद में लोगों से चालीस अरब (पाकिस्तानी) रुपये और वसूले जाने की तैयारी हो रही है.

Published: January 14, 2020 10:28 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Amit Kumar

पाकिस्तान में फूटने जा रहा है बिजली और गैस बम, वजह है कर्ज की किस्त
Pakistan PM Imran Khan (File Photo)

इस्लामाबाद: आर्थिक तबाही के कगार पर पहुंचने के बाद पाकिस्तान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से लिए गए छह अरब डालर कर्ज की तीसरी किस्त जारी होने वाली है और इसी के साथ देश के आम लोगों की सांसें अटक गई हैं. कर्ज की शर्तो के तहत पाकिस्तानी जनता पर पहले से ही भारी आर्थिक बोझ पड़ चुका है और यह बोझ अब और गंभीर रूप लेने जा रहा है. ‘दुनिया न्यूज’ की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि 54 करोड़ डालर की इस तीसरी किस्त की शर्त के बदले में पाकिस्तान की जनता की जेब से अरबों रुपये निकालने की कवायद शुरू हो चुकी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएमएफ द्वारा लगाई गई चार शर्तो के तहत गैस की कीमत में 214 फीसदी बढ़ोतरी हो सकती है और लगातार महंगी हो रही बिजली की मद में लोगों से चालीस अरब (पाकिस्तानी) रुपये और वसूले जाने की तैयारी हो रही है.

खाली खजाने को भरने के लिए आईएमएफ से सरकारें कर्ज लेती हैं जोकि कड़ी शर्तो के साथ मिलता है और जिसमें ढांचागत समायोजन और ‘आर्थिक सुधारों’ पर जोर रहता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी कर्ज की शर्तो के कारण साल 2020 के पहले तीन महीने पाकिस्तानी अवाम पर बहुत भारी पड़ने जा रहे हैं. बिजली और गैस की और महंगी दरें लोगों पर बम बनकर फटने वाली हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, पहली शर्त के तहत सभी निजी बिजली कंपनियों को पूर्ण उत्पादन क्षमता के तहत चलाने के लिए 155 अरब रुपये के वार्षिक कैपिसिटी चार्ज का 25 फीसदी हिस्सा आम लोगों से बिजली बिलों में वसूल किया जाएगा. यह रकम करीब 40 अरब रुपये होगी. इसी तरह गैस की कीमतों में 214 फीसदी की बढ़ोतरी भी की जाएगी.

आईएमएफ की दूसरी शर्त के तहत सरकार 28 फरवरी तक अपने आय-व्यय-बचत के रिकार्ड को संसद के समक्ष पेश करेगी. तीसरी शर्त के तहत सरकार को स्टेट बैंक को स्वायत्त बनाने का विधेयक 31 मार्च तक संसद में पेश करना होगा.

आईएमएफ की चौथी शर्त के तहत सरकार को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के दो अहम प्रावधानों को सख्ती से लागू करना होगा जिसमें बैंकों को ग्राहकों द्वारा किए जा रहे लेनदेन पर सख्ती से निगरानी करने को कहा गया है और इस प्रावधान को लागू करने वाली संस्थाओं को बैंक गोपनीयता कानून के दायरे से बाहर रखने को कहा गया है.

(इनपुट आईएएनएस)

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